Naresh Goyal: Jet Airways के संस्थापक Naresh Goyal ने अपनी सारी उम्मीद छोड़ दी और कहा जान देना बेहतर विकल्प !

Abhinav shankar
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'कोई आशा नहीं, मैं मर जाऊं तो बेहतर है. 'जेट एयरवेज के "नरेश गोयल "ने अदालत में भावुक होकर कहा।


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नरेश गोयल को पिछले साल सितंबर में पूंजीकरण निदेशालय (ईडी) ने कैनरा बैंक में हुए एक कथित घोटाले के आरोप में ₹538 करोड़ के money lundering मामले के तहत गिरफ्तार किया था।

जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने शनिवार को अदालत में भावुक होकर कहा कि उन्होंने 'जीवन की हर आशा खो दी है' और मुझे लगता है जीने से बेहतर होगा कि मैं जेल में ही मर जाऊँ ।

74 वर्ष के हो चुके नरेश गोयल, जिन्हें पिछले साल सितंबर में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा कैनरा बैंक में कथित ₹538 करोड़ के घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया था, ने अदालत में कहा कि वे अपनी पत्नी अनीता को याद कर रहे हैं, जो कैंसर से पीड़ित हैं, PTI ने  इसकी रिपोर्ट की है ।

कोर्ट रिकॉर्ड्स के अनुसार, गोयल ने कहा कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति बहुत खराब और अनिश्चित है। जेट एयरवेज के संस्थापक वर्तमान में मुंबई के आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। गोयल ने कहा कि उनकी पत्नी बेड पे हैं और उनकी एकमात्र बेटी भी बीमार है।

"मैंने उसे धैर्य से सुना और उसे ऐसे बोलते समय मैंने उसे देखा कि उसके पूरे शरीर में कंपकंपी हो रही थी। उसको खड़ा होने के लिए भी सहायता की आवश्यकता है," यह कोर्ट रिकॉर्ड्स के अनुसार न्यायाधीश ने नोट किया।

"Naresh Goyal" ने कहा 'घुटने सूजे हुए हैं , पैर मोड़ने में असमर्थ' हूँ।

नरेश गोयल ने अदालत को यह भी बताया कि उन्हें पेशाब करते समय गंभीर दर्द होता है और कभी-कभी पेशाब के साथ खून भी आता है। व्यापारी(businessman) के अनुसार, वे बहुत कमजोर हो गए हैं और मुंबई के जेजे अस्पताल में उन्हें भेजने का कोई फायदा नहीं है।


नरेश गोयल की गिरफ्तारी क्यों हुई?

पिछले साल 20 जुलाई को, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नरेश गोयल और उनके सहयोगियों पर छापे मारे थे। ये छापे केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड, उन्हें, उनकी पत्नी अनीता, पूर्व कंपनी कार्यकारी जी शेट्टी और अज्ञात सार्वजनिक सेवकों के खिलाफ दर्ज एक FIR के बाद किए गए थे, जो कैनरा बैंक की शिकायत पर आधारित थी।

FIR के अनुसार, कैनरा बैंक ने आरोप लगाया कि उसने एयरलाइन को ₹848.86 करोड़ की राशि में क्रेडिट सीमाएं और ऋण स्वीकृत किए थे, जिसमें से ₹538.62 करोड़ बकाया है। रिपोर्ट के अनुसार, खाते को 29 जुलाई, 2021 को 'धोखाधड़ी' के रूप में घोषित किया गया था।

बैंक ने आरोप लगाया कि जेट एयरवेज का फोरेंसिक ऑडिट दिखाता है कि उसने कुल कमीशन खर्चों में से "संबंधित कंपनियों" को ₹1,410.41 करोड़ का भुगतान किया, जिससे धन की हेरा फेरी की गयी ।



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